भारत में उतरा Russia का जहाज, G20 मीटिंग में मचेगा तहलका!

हाल ही में रूस का जहाज भारत पहुंचा है। रूस से उतरे इस जहाज में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव थे। तब रूसी विदेश मंत्री के भारत में कदम खते ही ये तय हो गया, कि आने वाले दिनों में भारत में कई कूटनीतिक आतिशबाजियाँ होने वाली है।

G 20 सम्मेलन की पहली बड़ी बैठक के लिए बड़े-बड़े देशों के विदेश मंत्री भारत पहुँच रहे है। इस बैठक से पहले कई ऐसे ऐलान हुए है, जो आपको हैरान कर देंगे। विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले चीन और जापान के ऐलान से भी माहौल गरमा गया है ।

आने वाले कुछ दिन भारत के साथ-साथ दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले है। क्योंकि ये भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक परीक्षा होने वाली है। आपको बता दें, की एक और दो मार्च को भारत में जी ट्वेंटी देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है।

इस बैठक में कई पश्चिमी देश रूस का इंतजार कर रहे हैं। ताकि वो उस पर हमला कर सके और इसी बैठक में अमेरिका और चीन भी आमने-सामने होंगे। जो जासूसी गुब्बारे को लेकर एक दूसरे से भिड़ चूके है।

आप ये जान लें की एक दूसरे से लड़ रहे इन देशों को भारत एक मंच पर रखकर कैसे G 20 सम्मेलन को सफल बनाएगा। G 20 देशों के विदेश मंत्रियों की यह बैठक तय कर देगी कि इन सभी, देशों के राष्ट्रध्यक्षों की बातचीत का अजेंडा क्या होने वाला है।

क्योंकि विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद इन सभी देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति एक दूसरे से मिलेंगे। विदेश मंत्रियों की बैठक से यह पता चल जाएगा, कि मोदी, पुतिन, जिनपिंग, बाइडन और ऋषि सुनक जैसे राष्ट्राध्यक्ष कौन से कूटनीतिक दांव खेलेंगे।

आप अंदाजा लगाइए कि जब रूस और चीन के सामने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के विदेश मंत्री होंगे और इन सभी को संभालने की जिम्मेदारी विदेश मंत्री एस जयशंकर पर होगी तो क्या जलवे देखने को मिलेंगे?

पूरा देश देखना चाहता है, कि कैसे विदेश मंत्री एस जयशंकर G 20 सम्मेलन को इन सभी देशों का जंग का अखाड़ा बनने से रोकेंगे। पश्चिमी देश चाहते है कि इस G 20 सम्मेलन में भारत समेत दुनिया रूस का विरोध करें । फ्रांस ने तो ये तक कह दिया है कि अगर भारत रूस की निंदा नहीं करेगा, तो वो G 20 बैठक के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर ही नहीं करेगा।

साथ में जापान ने भी अचानक बोल दिया है, की वो विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल नहीं हो पायेगा । अब इसके पीछे क्या कारण है, ये अभी तक साफ नहीं है।

अब बयानों के इस जाल में विदेश मंत्री एस जयशंकर को ही रास्ता निकालना है। रूस ने G 20 सम्मेलन शुरू होने से पहले ही कह दिया है, कि पश्चिमी देश भारत में मंच का दुरुपयोग कर सकते है। रूस ने कहा है कि इस सम्मेलन में व्यापार जलवायु परिवर्तन विकास और कृषि जैसे मुद्दों को ही उठाना चाहिए।

लेकिन पश्चिमी देश इस सम्मेलन को यूक्रेन की तरफ मोड़ना चाहते है। रूस ने कहा है, कि पश्चिमी देश भारत पर भी दबाव बना रहे है, की वो रूस का विरोध करे। वैसे आपको बता दें कि भारत में हो रहे G 20 सम्मेलन में रूस और यूक्रेन युद्ध के अलावा अमेरिका और चीन का विवाद भी हावी हो सकता है। चीन और अमेरिका के रिश्ते भी एक खतरनाक मोड़ पर पहुँच गए है ।

अब आने वाले दिनों में आप ये मान लीजिए कि भारत में आने वाले दिनों में आपको ऐसी आतिशबाजियाँ देखने को मिलेंगी जो आपने शायद ही पहले कभी देखी हो। तो अब देखना होगा, की इस G 20 मीटिंग में देश और दुनिया पे क्या असर देखने को मिलेगा।

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